Paani Paani

बहता गया वो लेकिन किसीने रोका नहीं,
बूंद बूंद तरसते हैं लोग उसके लिए फिर भी समझते नहीं,
जानते हुए की वही जीवन है फिर भी बचाने का प्रयास करते नहीं,
पानी से सबकुछ है, आप है, हम है और बेजुबान पशु भी।

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